ये कहानी हनुमान दास बाबा की हैं, जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हैं। बाबा के अनुसार वह अपनी उम्र को याद नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें याद है कि जब झांसी की रानी अंग्रेजों से लड़ी थी तब वह 12 साल के थे।
आज के दौर में इंसान की औसत आयु 68 साल की है वही हमारे देश में ऐसे भी संत महात्मा है जो आज 100 साल से भी ऊपर के है और जीवित है, इसे आप हम चमत्कार ही कहेंगे। आज हम आप को एक ऐसे बाबा के बारे में बता रहे है जो 100 नहीं 110 नहीं बल्कि 170 साल से ऊपर के है और जीवित है। जब बाबा से उनके लंबे जीवन के रहस्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने खानपान की सादगी जब तक ध्यान और योग को इसका चमत्कार बताया बाबा आज भी योग करते हैं उन्होंने बताया कि सात्विक भोजन और योग के कारण वह आज भी स्वस्थ हैं।
ये कहानी वृंदावन के हनुमान दास बाबा की हैं, जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हैं। बाबा के अनुसार वह अपनी उम्र को याद नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें याद है कि जब झांसी की रानी अंग्रेजों से लड़ी थी तब वह 12 साल के थे। झांसी की रानी ने 1857 में अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी, इसी से अनुमान लगा सकते है कि वह लगभग 170 साल ऊपर के हुये।
युवा होने पर, हनुमान दास बाबा अपना घर छोड़कर वृंदावन आ गए और भगवान कृष्ण के भक्त बन गए। उन्होंने वृंदावन में एक भव्य गोशाला की स्थापना की, जहां 1,000 वर्तमान में गायों की सेवा और सुरक्षा की जा रही है। हनुमान दास बाबा का आश्रम वृन्दावन परिक्रमा पथ पर है जो कृष्ण-बलराम मंदिर से कुछ ही दूरी पर है। बाबा एक छोटे से कमरे रहते है जो कुछ ही फीट का है जिसमे एक आदमी बमुश्किल रह सकता है।
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