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बहुतों से सुना है करोड़ो खर्च कर मंदिर क्यों बनते है, उद्योग क्यों नहीं जिससे लोगों को रोज़गार मिले पर शायद वह यह नहीं जानते कि धार्मिक स्थल भी एक उद्योग ही है और इसका उदाहरण है अक्षरधाम मंदिर है । यह खूबसूरत मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर में है। मंदिर में रोज हज़ारों लोग जाते हैं पर अधिकांश पिकनिक के लिये, कम ही आस्था के लिये वहाँ जाते है जबकि स्वामीनारायण के बारे में बहुत से जानकारी दी जाती है पर कम ही बाहर आने के बाद उनके शिक्षा, दर्शन के बारे में बता पाते है। ज्यादा लोग वाटर शो की खूबसूरती का जिक्र करते है न की निचिकेता के जीवन दर्शन की। मंदिर उदाहरण है कैसे करोडो कमाया जा सकता है। और जब इतनी बड़ी कमाई है तो सैकड़ो की रोज़ी-रोटी भी यही के अलग-अलग धंधे से चलती है। २००२ के आतंकवादी घटना जिसमे ३३ लोगों की जान गयी थी के बाद तो फोटोग्राफी भी एक कमाई का साधन बन गया है । जो भी बाहरी अहमदाबाद जाता है उसकी इच्छा रहती है इस मंदिर भी जाए .... (लेखक रमेश सिंह अंग्रेजी दैनिक द पायनियर के विशेष संवाददाता हैं)
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