ऐसे ही सब कोई, लक्ष्मण आचार्य नहीं बन जाता
आज दोपहर १.३० बजा था। विस्तारा जहाज़ पर मैं बनारस आने के लिये बैठ गया था। तभी, हम सब आम पैसिंजरों को आश्चर्य लगा कि मिलिट्री गवर्नर्स ADC एक बैग ले के, जहाज़ के साधारण वाले कक्ष में पहुँचे और इनके पीछे थे सिक्किम के गवर्नर काशी के लाल श्री लक्ष्मण आचार्य जी।
जहाज़ के एग्जीक्यूटिव क्लास में ना बैठ के महामहिम जी, हम सब के साथ बैठे। आत्मीयता से सबसे बात किया। मुझसे तो पूरे मोहल्ले की जानकारी ली। BHU चिकित्सालय के बारे में पूछा।
जहाज में बैठे सब महामहिम के सरलता से प्रभावित थे। यहाँ तक कि जहाज़ के एयर होस्टेस भी महामहिम के साधारण स्वभाव की प्रशंसा कर रहीं थी। मेरे बग़ल में बैठे पति पत्नी भी मुझसे पूछे कि ये कौन नेता जी हैं। मैंने बताया कि, ये हमारे शहर के लाल महामहिम साहब हैं।
महामहिम जी को सादर नमन। (बीएचयू के नामचीन चिकित्सक डॉक्टर विजय नाथ मिश्र की कलम से)
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