प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की वे मूर्तियाँ जो सदियों तक अयोध्या के रामलला मंदिर में पूजी जाती रहीं हैं, औरंगज़ेब ने जब अयोध्या पर आक्रमण किया था तब मंदिर के पुजारी पंडित श्यामानन्द महाराज मूर्तियों को लेकर अयोध्या छोड़कर चले गए और पैठन के स्वामी एकनाथ महाराज को सौंप दीं, क्योंकि औरंगज़ेब शिवाजी महाराज के ही क़ाबू में आता था अतः वहाँ से मूर्तियाँ शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास को मिलीं जिन्होंने कर्नाटक के हरिहर नाम की जगह पर तुंगभद्रा नदी के किनारे प्रतिष्ठापित कर दीं।तब से इन मूर्तियों की पूजा कर्नाटक के नारायण आश्रम में अनवरत जारी है और अब अयोध्या में वापस लाने की तैयारी हैं...
इन छोटी छोटी बातों को अपनी स्मृति कोश में जगह दीजिए क्योंकि यहीं से आपको अहसास होगा कि श्रीराम का इस देश के लिए क्या अर्थ है?
जय श्री राम लक्ष्मण जानकी
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