आज जब पूरा देश चंद्रयान की खुशियां बना रहा है तो देश को ये भी जाना चाहिए की कैसे भारत की कांग्रेस और केरला की वामपंथी सरकार ने एक महान वैज्ञानिक *नम्बी नारायण* का जीवन बर्बाद किया था।।।
*ISRO के कुछ वैज्ञानिक बताते है अगर उस वक्त नम्बी नारायण जी की गलत गिरफ्तारी ना होती तो आज भारत अंतरिक्ष की दुनिया में सबसे आगे होता* लेकिन केरला की वामपंथी सरकार ने झूठा आरोप लगा दिया की इन्होंने टेक्नोलॉजी पाकिस्तान को दे दी है जिसके चलते इनका 20 साल से ज्यादा का जीवन बर्बाद चला गया...
*2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हे बेकसूर बताया और केरला की वामपंथी सरकार को लताड़ा और 50 लाख का मुआवजा देने को कहा...फिर*
*2019 में मोदी सरकार ने इन्हे पद्म भूषण देकर इनको सम्मान दिया..
एक इंटरव्यू के दौरान जब नंबी नारायणन से पूछा गया कि राजनीतिक पार्टियां
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय लेने में जुटी हैं और इस पर आपका क्या
कहना है, तो उन्होंने कहा कि 'इसरो की शुरुआत में पूर्व की सरकारों की
प्राथमिकता में अंतरिक्ष रिसर्च नहीं थी और इसरो को मिलने वाला बजट भी कम
था। शुरुआत में रिसर्च के काम के लिए कारें या जीप भी उपलब्ध नहीं थी और
सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्ट में चला करती थी।' नंबी नारायणन के दावे के
अनुसार पूर्व की सरकारों को इसरो पर विश्वास ही नहीं था।'
'नेशनल प्रोजेक्ट का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं जाएगा तो किसे जाएगा?'
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी इस इंटरव्यू की क्लिप्स पोस्ट की हैं। साथ ही कैप्शन में लिखा है कि मौजूदा सरकार ने इसरो का बजट बढ़ाया है और यह सरकार वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलता और विफलता में साथ खड़ी रही है। यही वजह है कि भारत के अंतरिक्ष मिशन ने लंबा रास्ता तय किया है। विपक्ष द्वारा पीएम मोदी के चंद्रयान-3 मिशन का श्रेय लेने पर नंबी नारायणन ने कहा कि 'इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को मिशन की सफलता का पूरा श्रेय मिला है। साथ ही प्रधानमंत्री को भी इसका श्रेय जाएगा, लेकिन अगर आप प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप उन्हें श्रेय नहीं देंगे। एक नेशनल प्रोजेक्ट का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं जाएगा तो किसे जाएगा?'
'नेशनल प्रोजेक्ट का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं जाएगा तो किसे जाएगा?'
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी इस इंटरव्यू की क्लिप्स पोस्ट की हैं। साथ ही कैप्शन में लिखा है कि मौजूदा सरकार ने इसरो का बजट बढ़ाया है और यह सरकार वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलता और विफलता में साथ खड़ी रही है। यही वजह है कि भारत के अंतरिक्ष मिशन ने लंबा रास्ता तय किया है। विपक्ष द्वारा पीएम मोदी के चंद्रयान-3 मिशन का श्रेय लेने पर नंबी नारायणन ने कहा कि 'इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को मिशन की सफलता का पूरा श्रेय मिला है। साथ ही प्रधानमंत्री को भी इसका श्रेय जाएगा, लेकिन अगर आप प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप उन्हें श्रेय नहीं देंगे। एक नेशनल प्रोजेक्ट का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं जाएगा तो किसे जाएगा?'
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