जो सिर्फ एफिल टावर का ही गुणगान करते हैं. शायद उन्होंने इस मंदिर को नही देखा। आपने भी नहींं देखा है तो दर्शन कीजिये. . .
245 फीट ऊंचा महान मुरूडेश्वर मंदिर का जिक्र रामायण काल से है, इसकी प्राचीनता का कोई अनुमान नही की यह वास्तव में कितने वर्ष प्राचीन है, शायद हजारो वर्ष या इससे भी प्राचीन ....
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है ....
मुरुदेश्वर (दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड जिले के भटकल तहसील स्थित एक कस्बा है। 'मुरुदेश्वर' भगवान शिव का एक नाम है। यहाँ भगवान शंकर की विश्व की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति स्थित है। यह कस्बा अरब सागर के तट पर स्थित है और मंगलुरु से १६५ किलोमीटर दूर अरब सागर के किनारे बहुत ही सुन्दर एवं शांत स्थान पर बना हुआ है। मुरुदेश्वर सागरतट, कर्णाटक के सब से सुन्दर तटों में से एक है। पर्यटकों के लिए यहाँ आना दोगुना लाभप्रद रहता है, जहां एक ओर इस धार्मिक स्थल के दर्शन होते हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द भी मिलता है।
मुरुदेश्वर मंगलुरु-मुम्बई रेलपथ पर स्थित एक रेलवे स्टेशन भी है।
मुरुदेश्वर मन्दिर परिसर के पीछे एक दुर्ग है जो विजयनगर साम्राज्य के काल का है।
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