लखनऊ की दुपहरिया में हजरतगंज के पास ये जनाब मिल गए। एक बाइक के पास खड़े थे और बाइक पर बंदर खेल रहा था। कभी इस व्यक्ति के सर पर चढ़ जाता कभी सीने से लग जाता, कभी गले से लिपटकर गाल से गाल सटा देता। देखकर सहज उत्सुकता हुई। बात की तो पता चला कि जब ये बच्चा 15 दिन का था, तभी एक हादसे में इस बच्चे की मां का निधन हो गया था। उसके बाद से ही इस बच्चे को ये पाल रहे हैं। हर वक्त ये उनके पास रहता है। बाइक निकलती है तो साथ बैठ लेता हैं। अब ये बच्चा 6 महीने का है। ये रिश्ता इस बीच इतना गहरा हो गया कि दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते। मैंने पूछा तो बोले- साहब दूसरों के लिए बंदर होगा, मेरा तो बेटा ही है। ( टीवी न्यूज चैनल न्यूज नेशन के वरिष्ठ पत्रकार विकास मिश्र की कलम से)
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