भारत ही नहीं आज पूरी दुनिया के लिए रीयल हीरो बन कर उभरे इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ के साथ मेरी यह तस्वीर 11 अप्रैल 2022 की है। वह आईआईटी बीएचयू के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने आए थे। मैंने उस कार्यक्रम की कवरेज के बाद एस. सोमनाथ से विशेष बातचीत की थी। इस मुलाकात के दौरान ही उन्होंने चंद्रयान-3 की तैयारियों के बारे में जब बातचीत की थी तब वह पूरी तरह आत्मविश्वास से भरे थे और उसी दिन उन्होंने कहा था कि इस बार भारत चांद पर पहुंचने में सफल होकर ही रहेगा। उनका यह कहना कि हम न सिर्फ अपनी पिछली गलतियों से सीख रहे हैं बल्कि एक-एक कदम फूँक-फूँक कर रखेंगे। किसी भी तरह की गलती होने की रत्ती भर गुंजाइश इस बार हम नहीं छोड़ेगे। 16 महीनों बाद आज उनका वक्तव्य अक्षरश: सफलीभूत हुआ है। इसरो के इस नेतृत्वकर्ता को करोड़ों सलाम हैं। आज दोपहर ही भास्कर के रिपोर्टर हिमांशु अस्थाना के साथ बातचीत में मैंने कहा था कि इस बार चंद्रयान की कमान सोमनाथ के हाथ में हैं। सोम यानि चंद्रमा और नाथ माने स्वामी। जब ‘चंद्रमा का स्वामी’ नेतृत्व कर रहा हो तो चंद्रयान-3 को सफल होना ही है। संयोग से जब मिशन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब एस. सोमनाथ को फोन पर बधाई दी तो उनके भी शब्द यही थे कि आप का तो नाम ही सोमनाथ है। ( हिंदुस्तान वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्र की कलम से )
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अगस्त 23, 2023
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