370 हटने के बाद कश्मीर के हालात में जमीन आसमान का फर्क आया है।दहशतगर्दी,हड़तालें, पत्थरबाजी, हुर्रियत ओर बंद का नामोनिशान मिट गया है।पिछले साल तीन करोड़ टूरिस्ट ने कश्मीर की वादियों को निहारा तो यू ए इ 800 बिलियन की इन्वेस्टमेंट करने जा रहा है।दुबई का सबसे बड़ा मॉल अपना एक ओर मॉल श्रीनगर में खोलने जा रहा है।मल्टीनेशनल कम्पनीज के कॉरपोरेट आफिस के लिए श्रीनगर में जगह ढूंढ़ी जा रही हैं।मैकडोनाल्ड, पिज़्ज़ा हट जैसे बड़े ब्रांड अपने आउट लेट श्रीनगर में खोल रहे हैं।कश्मीरियों को रोजगार घर बैठे मिलेगा।स्टूडेंट्स के हाथों में पत्थर की जगह किताबें हैं तो उनके हाथों में पत्थर पकड़ाने वाले जेलों में बंद हैं।बम धमाकों की गूंज की जगह टूरिस्ट की चहल पहल ने ले ली है।G-20 के सम्मेलन ने दुनिया भर का ध्यान अपनी तरफ खींचा तो उससे कश्मीर में भारी इन्वेस्टमेंट होनी शुरू हो गई।शुरुआत UAE ने की।खाली शिकारे ओर हाउस बोट इस बार टूरिस्ट से फुल रहे।फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रोडयूसर अब कश्मीर की ओर रुख करना शुरू हो गए हैं।दहशतगर्दी से तबाह हुआ कश्मीर अब देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल निकला है आसमान नापने।आम कश्मीरी समझ गया है उनका किसने फायदा उठाया।किसने उनके हाथ में पत्थर पकड़ाए ओर किसकी बजह से रोजगार और किताबें छीन गई।पाकिस्तान के एजेंट जो श्रीनगर में बैठकर सरकारों को ललकारते थे अब जेलों की हवा खा रहे हैं।कश्मीर की बदलती फिजायें ओर हवाएं " हम क्या चाहते आज़ादी " ओर " कश्मीर बनेगा पाकिस्तान " से नहीं गूंजती।370 सच में गेम चेंजर साबित हुआ।कुछ महीनों की तंगी जरूर कश्मीर ने झेली पर उसके मीठे फल अब उसे चखने को मिल रहे हैं।
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