सन 1965 में प्रदर्शित हुई बी आर चोपड़ा की फिल्म वक़्त हिन्दी की पहली मल्टीस्टारर फिल्म कही जा सकती है । यश चोपड़ा निर्देशित लगभग सवा तीन घण्टे की इस फिल्म ने तब तीन करोड़ की कमाई बाक्स आफिस पर की थी जब कि वह जमाना मल्टीप्लेक्स वाला नही था और फिल्मों का प्रमोशन भी आज की तरह नही होता था । फिल्में मार्केटिंग के बूते नही ,अपनी समग्र गुणवत्ता के बूते बाक्स आफिस पर धूम मचाती थीं । उस वक्त के लिहाज से तीन करोड़ की कमाई छतफाड़ ही मानी जाएगी ।
फिल्म में बलराज साहनी ,राज कुमार, सुनील दत्त, शशि कपूर, साधना ,शर्मिला टैगोर जैसे सितारे थे । रहमान खलनायक चिनाय सेठ की भूमिका में थे तो सदाबहार 'मां' निरूपा राय भी थीं । यह निर्देशक यश चोपड़ा का कमाल था कि उन्होंने सभी अभिनेताओं से उनका बेहतरीन फन निकलवाया था ।
शोले से पहले 'वक्त' ही वह फिल्म थी जिसके संवाद लोगों की जुबान पर चढ़े थे और उस जमाने के फिल्म प्रेमियों के जेहन में आज भी ताजा होंगे । इन संवादों को लोकप्रिय बनाने में राज कुमार की स्टाइलिश संवाद अदायगी का अहम रोल था ।
संगीतकार रवि का योगदान भी कम करके नही आंका जा सकता । फिल्म के गाने रेडियो पर आज भी लोकप्रिय हैं ।
यों फिल्म की कहानी स्टीरियोटाइप ही थी लेकिन कहानी का ट्रीटमेंट अलग हटकर था और फिल्म की सफलता के पीछे उसका मल्टीस्टारर होना भी एक बड़ा कारण रहा होगा गोकि तब तक मल्टीस्टारर शब्द चलन में नही आया था । ( कानपुर के कलमकार सुशील शुक्ला की कलम से)
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