की लागत से यदि कोई मंदिर बना हो तो उसकी भव्यता का अंदाजा लगा सकते है। हथिसिंग जैन मंदिर,यदि अहमदाबाद जाएं , तो अवश्य देखें । मंदिर की योजना तब के नामी सेठ हथिसिंग केसरीसिंग ने की थी पर 49 की छोटी उम्र में उनका देहांत हो गया तो उनकी इच्छा उनकी पत्नी सेठानी हरकंवर द्वारा पूर्ण हुआ।यह ईस्ट इंडिया कंपनी का दौर था १८४८ में सैकड़ों कारीगरों द्वारा आर्किटेक्ट प्रेमचंद सलत के नेतृत्व में यह मंदिर , 15वें तीर्थंकर धर्मपाल को समर्पित,दो वर्ष में पूर्ण हुआ। दो मंजिले मुख्य मंदिर में 11 भगवानों की मूर्तियां हैं और चारों तरफ छोटे-छोटे रूम में 52 देवकुलिका की मूर्तियां किसी न किसी 25 तीर्थंकर के साथ हैं और बाहर मानस्तम्भ है जो चित्तौड़ (राजस्थान) के कीर्तिस्तम्भ से प्रेरित है ...(लेखक रमेश सिंह अंग्रेजी दैनिक द पायनियर के विशेष संवाददाता हैं)
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