बेहद रहस्यमयी है 250 फीट गहरी शेषनाग झील
जब आप पहलगाम से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते हैं, तो रास्ते में शेषनाग झील मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शेषनाग झील 250 फीट से भी ज्यादा गहरी है और हजारों सालों से इसका अस्तित्व है। इस झील से जुड़ा एक ऐसा रहस्य है, जिससे सुनने के बाद हर कोई हैरान रह जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी झील में शेषनाग निवास करते हैं। 24 घंटों में एक बार श्रद्धावान लोगों को यहां पर शेषनाग के दर्शन भी होते हैं। सबसे हैरानी वाली बात तो ये है कि झील में शेषनाग की आकृति साफ दिखाई देती है। ये आकृति पानी पर उभरकर आती है, जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव एक बार देवी पार्वती को अमर कथा सुनाने के लिए अमरनाथ ले जा रहे थे। भगवान शिव चाहते थे कि इस अमर कथा को कोई भी न सुने क्योंकि जो भी इस कथा को सुनेगा, वह अमर हो जाएगा। इस दौरान भगवान शिव ने अनंत सांपों-नागों को अनंतनाग में और बैल नंदी को पहलगाम में और चंद्रमा को चंदनवाड़ी में ही छोड़ गए थे। सिर्फ शेषनाग ही उनके साथ आगे तक गए थे। इसके अलावा एक धार्मिक मान्यता यह भी है कि शेषनाग ने खुद इस जगह को खोदा और यहां रहने लगे। यहां के निवासियों का तो यह भी कहना है कि शेषनाग आज भी यहां रहते हैं और आज भी इस झील को कोई पार नहीं कर सकता। यह फोटो पिछले वर्ष की है, जब मैं बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए गया था। जय हो बाबा बर्फानी। (अमरउजाला के वरिष्ठ पत्रकार नीरज मिश्र की कलम से)
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