दारा सिंह को कुश्ती लड़ते देखने का सौभाग्य नहीं मिला लेकिन उनसे जुड़े किस्से अब दुनिया में नहीं रहे पिता जी से लेकर देश के तमाम नामचीन पहलवानों से अक्सर सुनने को मिला। रामायण सीरियल प्रारंभ होने के बाद घर में टीवी आने के बाद हर रविवार को सब सीरियल शुरू होता हनुमानजी का दर्शन होता तो पिता जी अक्सर हम भाई-बहन को बताते थे देश की आन,बान व शान को दुनिया में फहराने वाले दारा सिंह हैं। आस्ट्रेलिया के 200 किलो के पहलवान किंगकॉग को सिर से ऊपर उठाने के बाद अखाड़े में घुमाकर फेंक देने का किस्सा सुनाने के साथ वह अक्सर गाय का दूध पीने की सलाह देना नहीं भूलते। आज पिता जी नहीं है न ही वह गाय है जिसका दूध पीकर बड़ा हुआ न ही दारा सिंह अब दुनिया में हैं। आज उनकी पुण्यतिथि पर दारा सिंह को नमन करने के साथ दिल में उनको लेकर छपी तमाम बातें याद आने लगी हैं।
रामायण जब टीवी पर आता तो पिता जी हनुमान बने दारा सिंह को देखकर बताते थे दो कुंतल के किंग कांग काे सिर से ऊपर उठाकर घुमाने के बाद फेंक दिया था
जुलाई 19, 2023
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रुस्तमे हिन्द दारा सिंह ने अखाड़े में कुश्ती खेली तो ऐसी कि 500 मैचों में उन्हें कोई हरा नहीं पाया और अभिनय किया तो ऐसा कि आज भी लोग रामायण के हनुमान जी भुलाए नहीं भूलते। दारा सिंह के छोटे भाई जिन्हें लोग रंधावा के नाम से जानते थे , इन दोनों ने एक साथ पहलवानी करनी शुरू की थी और धीरे-धीरे गांव के दंगलों से लेकर शहरों तक में ताबड़तोड़ कुश्तियां जीतकर अपने गाँव का नाम रोशन किया था !
दारा सिंह ने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को हरा कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी. 1968 में वे अमेरिका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने थे. उन्होंने 55 की उम्र तक पहलवानी की और 500 मुकाबलों में किसी एक में भी हार का मुंह नहीं देखा ..था.!
दारा सिंह को हमेशा किंग कॉन्ग के साथ हुए उनके मुकाबले के लिए जाना जाता रहेगा !. इतिहास के सबसे हैरतअंगेज मुकाबलों में से एक इस मुकाबले में दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के 200 किलो वजनी किंग कॉग को सर से ऊपर उठाया और घुमा के फेंक दिया था! महज 130 किलो के दारा सिंह द्वारा लगाया गया ये दांव देखकर दर्शकों ने दांतो तले उंगलियां दबा ली थी !
दारा के इस दांव के बाद किंग कॉन्ग रेफरी पर चिल्लाने लगा था. किंग के अनुसार यह नियमों के खिलाफ था. जब रेफरी ने दारा को ऐसा करने से रोका तो दारा ने किंग कॉन्ग को उठाकर रिंग से बाहर फेंक दिया था और किंग दर्शकों से महज कुछ ही कदम की दूरी पर जा कर गिरे थे ! . दारा सिंह, किंग कॉन्ग और फ्लैश गॉर्डन ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 50 के दशक में कुश्ती की दुनिया में राज किया था. दारा और किंग का मैच देखने के लिए दर्शकों का भारी हुजूम उमड़ पड़ता था!
दारा सिंह ने 1983 में उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला खेला और जीत के बाद संन्यास ले लिया था. ये टूर्नामेंट दिल्ली में हुआ था. अपराजित रहने वाले और कुश्ती के कई दिग्गज नामों को धूल चटाने वाले दारा सिंह ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1952 में फिल्म संगदिल से की थी ! उन्होंने आगे जाकर कई फिल्मों में अभिनय किया और कुछ फिल्में प्रोड्यूस भी कीं. फिल्म निर्देशक मनमोहन देसाई ने एक बार उनके लिए कहा था कि मैं अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म मर्द बना रहा था और मैं सोच रहा था कि उनके पिता का रोल कौन निभा सकता है? #मुझे लगा कि अगर मैं अमिताभ को मर्द की भूमिका में ले रहा हूं तो जाहिर है मर्द का बाप तो दारा सिंह ही होना चाहिए ..!
दारा सिंह मे बॉलीवुड के टॉप सितारों के साथ काम किया था! दारा सिंह ने कई बड़ी फिल्मों जैसे मेरा नाम जोकर, अजूबा, दिल्लगी, कल हो न हो और जब वी मेट जैसी फिल्मों में काम किया था. उन्होंने कई हिंदी और पंजाबी फिल्में बनाई जिसमें उन्होंने खुद मुख्य भूमिका निभाई थी!. 1980 और 90 के दशक में दारा सिंह ने टीवी का रूख किया था!. अपने समय के ऐतिहासिक सीरियल रामायण में हनुमान जी की भूमिका निभाकर वे घर-घर में पहचाने जाने लगे। खेल और सिनेमा के अलावा दारा सिंह ने राजनीति में भी हाथ आजमाया!वह देश के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। पुण्यतिथि पर ऐसी महान शख्सियत को दिल से नमन करता हूं। आपके जेहर में उनसे जुड़ी कोई याद हो तो शेयर जरूर करिएगा
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