जन्मदिन तो बहुतों का मनता है, लेकिन राजधानी लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शर्मा सरीखा जन्मदिन समारोह हाल-फिलहाल किसी का नहीं देखा गया। यूपी प्रेस क्लब ठसाठस भरा था। यह भाई सुरेश बहादुर सिंह जी की पहल थी कि ज्ञानेंद्र जी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाए। एमपी क्रॉनिकल से पत्रकारिता शुरू करने वाले ज्ञानेंद्र जी मूलतः मऊरानीपुर के हैं यानी मशहूर गीतकार इंदीवर के पड़ोसी। समाचार भारती, समाचार जैसी संवाद अभिकरण सेवाओं के वह ब्यूरो प्रमुख रहे। नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान जैसे नामचीन अखबारों में उन्होंने अपनी कलम का जादू चलाया। जब गूगल का कोई नामलेवा नहीं था तब ज्ञानेंद्र जी गूगल से कहीं ज्यादा विशद जानकारियां अपनी डायरी में लिपिबद्ध रखते थे। लेकिन, दोनों अंगुलियों से टाइप करते उन्हें कभी किसी ने नहीं देखा। दरअसल टाइपराइटर पर काम करते वह एक ही अंगुली से टाइपिंग के अभ्यस्त हो गए। यह सिलसिला आज भी यतावत है। सत्यपाल प्रेमी जी की एक बात याद आ रही-ज्ञानू दादा बेजोड़ रिकार्ड रखते हैं। बात सही भी थी। बहरहाल वह अकेले ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त कुर्सी भी पूरी दमदारी के साथ संभाली और ऐसे जबरदस्त फैसले किये जिनका आजतलक लोग लोहा मानते हैं, नजीर देते हैं। परमात्मा ज्ञानेंद्र जी को स्वस्थ और दीर्घ आयु प्रदान करें। (लखनऊ के वरिष्ठ कलमकार राजू मिश्र की कलम से)
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