दुर्गा स्वरूपा माता करनी व मान्यता अनुरूप माता करणी के वंशज मूषक(चूहों) महाराज का प्रत्यक्ष - दर्शन लाभ बीकानेर प्रवास के मध्य हुआ।
प्रतिदिन हजारों की तादात में मनोकामनाओं के साथ आते भक्त और बढ़ती महिमा, कोई अनायास ही नही है, वह शक्ति स्वरूपा ही है, जो जीवन्तता के साथ भक्तजन के साथ उनके इच्छाओं व कामनाओं को संबल व शक्ति के साथ उन्हें पूर्णता दिए हुए है।
25 हजार से अत्यधिक विराजमान मूषक(चूहे) महाराज, दिन भर मंदिरों में दौड़ना व भक्तों के ऊपर चढ़ना और चढ़ने के साथ भक्तों का श्रद्धा से अभिभूत होना, प्रसन्न होना तथा इस भाव से धन्यभागी होना जैसे मूषक महाराज साक्षात माता का आशीर्वाद लेकर आये हो।
यह रहस्यता ही है कि की 25 हजार से अधिक उस मंदिर में मूषकों का रहना व मंदिर परिसरों में बिना डरे दौड़ते रहना, बिना भय के मंदिर में लगी रेलिंगो पर सोना व उन्हें सहलाने पर, सहलाने के लिए वही रुके रहना आये भक्तों का आकर्षण का केंद्र भी बने रहता है।
डोकरी के रूप विख्यात करणी माता, जोधपुर व बीकानेर शाही परिवार की मुख्य देवी के रूप में जानी जाने के साथ ही एक जीवंत शक्ति रूप उपस्थिति में भी विश्व विख्यात है।
अद्भुत शक्ति के इस केंद्र की अनुभूतियों को जीने व जानने का अवसर इस यात्रा के मध्य जो क्षण मिले, उन क्षणों को जीकर, एक अलग ही जीवन मे अलग, अद्भुत अनुभूति हुई, जो जीवन के इन अस्मरणीय पन्नो में जुड़े रहने के साथ ही इन्ही पन्नो में यह अनुभूति सदैव बनी रहेगी।
- आचार्य रवि
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