क्या अपने बनारस में अमेरिकी शहर रोचेस्टर से अधिक ठंड कभी पड़ सकती है ? क्या किसी दिन, किसी वक्त ऐसा हुआ भी है? एक बार अगर मान भी लिया जाए कि ऐसा हुआ है तब भी दोनों शहरों की इस संदर्भ में तुलना की जरूरत ही क्या है? वास्तव में तो कोई आवश्यकता नहीं है। मेरे लिए तो यह जानना एक कौतुक मात्र है और बनारस में रहने वालों के लिए एक जानकारी भर । तब क्यों ऐसा कर रहा हूं । कहना चाहिए कि अपनी पत्रकारिता की आदत से मजबूर हूं।
आजकल मेरे गृह जनपद बनारस और वर्तमान निवास स्थान रोचेस्टर में जाड़े का मौसम चल रहा है।
जहां तक रोचेस्टर का प्रश्न है तो यहां बहुत दिनों तक माइनस में तापमान देखने और जीने का अपना अभ्यास हो चुका है।
इधर अपने बनारस में चार-पांच डिग्री तापमान पर ही लोग बेहाल हुए जा रहे हैं । वहां के अखबारों से पता चला कि अब तो बाबा विश्वनाथ भी खुद रजाई की शरण ले रहे हैं।
इसका मतलब तो यह हुआ कि अब जाड़ा वहां पर चाय-पान की दुकान पर महज चर्चा करने का विषय नहीं रह गया है, बल्कि पानी अब नाक के ऊपर चढ़ने लगा है ।
तब मेरे तमाम मित्रों सहित आम बनारसियों के हालत की कल्पना सहज ही की जा सकती है।
पर मौसम का क्या भरोसा। यह तो बदलता ही रहता है तापमान कभी ऊपर कभी नीचे । विशेषज्ञ इसे ग्लोबल वार्मिंग का असर बता सकते हैं। रोचेस्टर में माइनस का तापमान धीरे-धीरे प्लस में बदलने लगा।
तीस दिसंबर है वह तारीख
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बहुत दिनों से घर में रहते-रहते आज यानी तीस दिसंबर की शाम को बाहर टहलने की इच्छा होने लगी थी । शाम के 4:00 बजे थे । मन में आया कि पहले स्थानीय तापमान को जान लेते हैं फिर उसी के अनुरूप सुरक्षा आवरण में घर से बाहर निकलते हैं । उस वक्त रोचेस्टर का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस बता रहा था।
घर से बाहर निकलते वक्त महज जिज्ञासावश मैंने बनारस का तापमान देखा तो बड़ा अचरज हुआ । बनारस में रात के 2:15 बजे थे और तापमान 12 डिग्री सेल्सियस । यानी बनारसवाले 4 डिग्री अधिक ठंडा झेल रहे हैं ।
पर मेरे लिए राहत की बात यह थी कि दिग्गज सोशल मीडिया प्रेमी भी इस रात में अब तक मोबाइल से दूर कई परतों वाले आवरण में शरीर को सुरक्षित कर सो गए होंगे । और इतनी रात में घर से बाहर निकलने का कोई औचित्य भी नहीं है।
उस शाम मैंने भी पांच-छह किमी पैदल चलकर खुशगवार वातावरण का आनंद उठाया। ऐसे में बच्चे भी कहां पीछे रहने वाले थे । वह भी घरों से बाहर निकल आए। अच्छा मौसम भला किसे नहीं भाता। (काशी के कलमकार आशुतोष पाण्डेय की कलम से)
क्रमश:........
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