तमिलानाडु के तंजौर में स्थित वृहदीश्वर मंदिर को देखकर आपके दिमाग में तमाम सवाल खड़े होंगे।
विश्व में अपने तरह का यह एकमात्र मंदिर है। 11 वीं सदी के आरंभ में बने इस मंदिर को
देखकर कई रहस्य अपने आप आपको प्रतीत होगा। मंदिर के टॉप पर कैप
पत्थर है। यह भगवान शिव का मंदिर है। भगवान शिव की नृत्यमुद्रा में मूर्ति
है,जिसको नटरात भी कहते हैं। तंजोर
मंदिर के शीर्ष
पर टोपी के पत्थर का
वजन वजन 80 टन
है। इस मंदिर की
परछाईं दोपहर में ज़मीन पर
नहीं पड़ती है। यह मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट से निर्मित है। कैप
स्टोन के बारे में मुख्य
उद्गार यह है कि तंजौर
मंदिर के निर्माणकर्ता
कैसे आए और तंजौर मंदिर
में गोपुरम के
शीर्ष पर टोपी का पत्थर
रखने में सक्षम
कैसे हुए..? इन
कार्यों को करने के लिए
उन दिनों में
कोई क्रैन या
कोई चीज का उच्च उपयोग
नहीं किया गया
था। केवल एक चीज जो
हाथियों की मदद ले सकते
थे। तंजोर बड़े मंदिर
की विशाल टोपी
इस तरहसे बनाई
गई है कि तंजौर के
मंदिर गोपुरम का
मैदान जमीन पर नहीं गिरेगा
यह बस अपने जगह पर
ही गिर सकती
है। इस विशेष योजना
और निर्माण के
प्रकार के बारे में ज्ञान
होना एक आसान काम नहीं
है ...। इसीलिए लोग कहते
हैं दुनिया जब नंगी पेड़
पत्ते लपेट कर रहती थी
ओर प्राणियों को
मारकर खाती थी तब हमारे
पास परमात्मा की
वाणी वेद थे और आधुनिक
इंजीनियर तो कल
बने है पर सनातन के
कला कौशल ने सदियो पहले
भव्य भारत का निर्माण कर दिया था, गर्व
करो कि हम सनातनी है
और इस भारत भूमि पर
जन्मे है..!!
तमिलनाडु के तंजौर मंदिर के रहस्य को सुलझा सकते हैं क्या आप...?
जून 26, 2023
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