रविवार का दिन, तारीख 2 अप्रैल 2023 , स्थान इंडिया गेट , समय दोपहर का है। धूप के साथ बादल का आना जाना लगा है। अचानक एक अधेड़ व्यक्ति कर्तव्य पथ पर पहुँचने के बाद इधर उधर खोजभरी निगाहों से देश दुनिया की पहुँची भीड़ को देखते हुए विजय चौक से अमर जवान ज्योति की तरफ बढ़ता है। देश के ज्ञात अज्ञात शहीदों की याद में जल रही ज्योति को नमन करने के बाद फिर विजय चौक की तरफ लौट पड़ता है। दिल, दिमाग और देह से परेशान यह शख्स कुछ देर एक पेड़ के नीचे खड़े होकर फिर कुछ खोजने में जुट जाता है। इंडिया गेट पर पिकनिक मनाने पहुँची भीड़ को फोटो खींचकर प्रिंट देने वाले फोटोग्राफरों का झुंड ग्राहक की तलाश में कई बार इस शख्स के पास पहुँचे। हाथ जोड़कर माफी मांगकर विदा करने के साथ डेरा बदलकर दूसरे पेड़ को ठिकाना बनाया तो रील बनाने के लिए साजो सामान लेकर युवाओं का झुंड आ गया। कभी इस पेड़ के नीचे तो कभी उस पेड़ की छांव में समय बिताने के साथ ऐसे शख्स की तलाश जारी थी जिसके सहारे आपसे माफी मांग सकूं। एक घँटे के बाद एक युवक दिखा,लगा कि इससे निवेदन कर सकता हूँ। नजदीक जाकर कहा बेटा मेरा एक वीडियो शूट कर दोगे क्या मैं अपनों से माफी मांगने के लिए एक दो मिनट बोलूंगा रिकॉर्ड कर दो..ओके अंकल। अब आप सुनिए इस रोमिंग रिपोर्टर के गुस्ताखियों की गठरी से निकली गुस्ताखी। क्या आप इस गुस्ताखी के लिए माफ करेंगे... प्लीज रिप्लाई देंगे तो दिल, दिमाग को सुकून मिलेगा
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