नोएडा।
यूपी के शो-विंडो नोएडा में स्ट्रे डॉग में किसी को खौफ दिखता है हो तो किसी का प्यार
उमड़ता है। देश में भले ही विदेशी नस्ल के डॉग का क्रेज हो लेकिन विदेश में देशी डॉग
का जलवा है। नोएडा से ही ही अब एक दर्जन स्ट्रे डॉग एडाप्ट होकर देश यूरोपियन देशा
में ले जा चुके हैं। सड़क पर वाहनों की ठोकर से लहूलुहान होकर पड़े रहे देशी डॉग की
जिंदगी एडाप्ट होने के बाद यूएसए व कनाडा जाकर ही बदल गयी है। नोएडा में स्ट्रे डॉग
को एडाप्ट करने के लिए लोगों को प्रेरित करने वाली रुप्शा मुखर्जी के प्रयास से बेसहारा
मूक जानवरों की जिंदगी में किस तरह बहार आयी है,इसको देखकर आप भी कह सकते हैं किसका
दिन कब फिर जाए कहां नहीं जा सकता है।
कोरोना
के कारण देश में लॉकडाउन से पहले 2020 जनवरी की बात है। एक दिन ग्रेटर नोएडा क्रासिंग
के पास एक स्ट्रे डॉग परिवार को एक कार चालक ने बेरहमी से कुचल दिया था। इस परिवार
का एक सदस्य बच गया था उसपर रुप्शा की नजर पड़ी उसको घर लायी और उसका इलाज कराया। इलाज
के साथ उस स्ट्रे डॉग का नाम दिया लकी। लकी को यूएसए के न्यूजर्सी में रहने वाले एक
वैटरनी डॉक्टर ने गोद लेने की इच्छा जाहिर की। नोएडा की सड़क पर अंतिम सांस गिन रहा
है लकी इस समय न्यूजर्सी में आराम की जिंदगी जी रहा है। लॉकडाउन से पहले एक दर्जन स्ट्रे
डॉग को यूएसए व कनाडा में लोग एडाप्ट करके उनकी सेवा के साथ प्यार कर रहे हैं। रुप्शा
के साथ स्ट्रे डॉग को विदेश में एडाप्ट कराने में मदद कर रही उनकी सहेली सोनम वर्मा
भी।
2019
में दुर्गापूजा के दौरान कोलकाता गयी रुप्शा को पश्चिम बंगाल के सियालदह में रोड पर
एक स्ट्रे डॉग मिला,उसक कुनबा किसी वाहन से कुचलकर खत्म हो गया था। जो एक बचा था उसका
पैर टूट गया। वहां प्राथमिक उपचार कराने के बाद राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली आने के
ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन के गौर सिटी में रहने वाली स्टेशन से सीधे वैटरनी डॉक्टर के
बाद लेकर गयी,इलाज के बाद वह ठीक हुआ। रुप्शा की सोशल मीडिया पर कनाडा की एक सहेली
ने इसको गोद लिया। अब यह कनाडा में है। यूपी के शो-विंडो से स्ट्रे डॉग एडाप्ट होकर
किस तरह यूरोप पहुंचने के शान की जिंदगी जी रहे हैं,इसे देखकर किसी को जलन हो सकती
है लेकिन किस्मत अपनी-अपनी। ग्रेटर नोएडा से ऐसे ही एक स्ट्रे डॉग को कनाडा की चंटेल
किंग ने एडाप्ट किया। यूरोपियन देशों में जाकर स्ट्रे डॉग के दिन बदल गए हैं। कनाडा
में ग्रेटर नोएडा से एक दिव्याग स्ट्रे डॉग को भी एडाप्ट करके भेजा गया । इसका एक पैर
खराब होकर काटकर निकलना पड़ा। गामा नाम रखा गया है।
Good story
जवाब देंहटाएंJust ho
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