रोमिंग
जर्नलिस्ट की रिपोर्ट 37
जम्मू
से दिल्ली बिग बॉस के बुलावे पर आने के बाद अचानक तबादले की घोषणा के साथ मिले एक सप्ताह
के ट्रांसफर लीव पर बस्ती आने के बाद घर से कचहरी में पुराने मित्र प्रदीप पाण्डेय
से मिलने के लिए चल पड़ा। किराए के मकानों में अपनेपन की निशानी खोजने के कुछ देर बाद
अपनों से मिलने की इस यात्रा के लिए घर से ही निकला था कि कंपनीबाग पर चाय की दुकान
पर लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई दिनों के पुराने मित्रों की मंडली नजर आ गयी। अजीत चौबे,बब्बू
मिश्र,राजेश मिश्र सहित कई पुराने यारों को देखकर चाय की दुकान पर चल पड़ा। जय हिंद,
राम-राम के बीच हालचाल के बीच कश्मीर यात्रा की चर्चा चल पड़ी। कश्मीर यात्रा की चर्चा
काटकर अचानक लखनऊ यूनिवर्सिटी के हास्टल के दिनों की यादों की चर्चा छेड़ दिया। लाल
बहादुर शास्त्री छात्रावास में रहने के दौरान वह दिन अचानक याद आ गया जब महाशिवरात्रि
के दिन हम लोग बस्ती नहीं आ पाए। लखनऊ में मनकामेश्वरनाथ मंदिर में माथा टेकने के बाद
दोस्तों की चौकड़ी ने मस्ती में बाबाजी की बूटी यानी भांग लेने का फैसला लिया।
लालबाग से भांग की गोली आने के बाद इसको ग्रहण करने के बाद आईटी चौराहे पर लल्ला की
दुकान पर चाय पीने के साथ शाम-ए-अवध का लुत्फ लेने के लिए चार यार निकल पड़े। सन
1998 की बात है चाय की चुस्की संग भंग की तरंग सबके दिमाग पर असर करने लगी थी। भंग
की तरंग के बीच देश-दुनिया की ढेरों बातचीत के दौर में समय का अंदाजा ही नहीं लगा।
हॉस्टल मेस बंद होने के नाते भोजन के लिए लालबाग के दुर्गमा रेस्टोरेंट ही अपन सब का
अडडा था। आईटी चौराहे से लालबाग के लिए हनुमानसेतु के रास्ते हम लोगों को चलना था लेकिन
पहुंच गए निशातगंज। भंग की तरंग में पैदल ही निशातगंज से चिनहट की तरफ भी बढ़ चले लेकिन
कुछ देर बाद अक्ल थोड़ी ठिकाने पर आयी तो किसी तरह जीपीओ पहुंच गए। पांच किमी से ज्यादा
की भंग की तरंग में पदयात्रा के बीच किसी तरह आखिर हम लोग दुर्गमा रेस्टोरेंट पहुंच
गए। दो दाल फ्राई व दो सब्जी के साथ रोटी का आर्डर देकर हम लोग भोजन का इंतजार करने
लगे। हम सब की भाव-भंगिमा भंग की तरंग की कहानी कह रही थी। खाना आने के बाद बब्बू ने
तंदूर की रोटी का एक टुकड़ा दाल फ्राई में डुबोकर मुंह में रखने के बाद अचानक कुर्सी
से उछलकर बोला-अबे दाल मत खाओ करंट उतर गया। दाल फ्राई में करंट उतरने की सूचना सुनकर
आसपास खा रहे लोग के हाथ भी जहां का तहां था रूक गया। होटल मैनेजर भागा-भागा पास में
आया भाई साहब आप लोग मत खाइए लेकिन ऐसा नहीं कहें और ग्राहकों पर असर पड़ेगा। बब्बू
को हम लोग दाल फ्राई में रोटी डुबोकर खाकर दिखाएं कि करंट नहीं उतरा है लेकिन वह मानने
को तैयार नहीं दिखे। आखिर में बब्बू को फर्जी समझाया गया कि दाल लिक्विड है इसलिए करंट
उतर गया होगा सूखी सब्जी के साथ रोटी खाओ नहीं करंट उतरेगा। सूखी सब्जी के साथ रोटी
बब्बू ट्राई करने के साथ बिना करंट के खौफ से भोजन किए। होटल से हास्टल आते-आते रात
11 बज गए थे। भंग की तरंग में फिर न डूबने की सामूहिक सौगंध खाने के बाद सबके कमरे
का दरवाजा खटखटाकर माफी मांगने का दौर महाशिवरात्रि की रातभर जो चलता रहा,उसे सोचकर
बहुत देर तक हम सब एक-दूसरे पर हंसते रहे। एलयू हॉस्टल के यारों संग पुरानी बातों को
याद करते हुए हंसी-ठिठोली में कब एक घंटा बीत गया पता ही नहीं चला। मेरे मोबाइल की
घंटी अचाकर बज उठी देखा प्रदीप पाण्डेय का नंबर था। उठाया तो बोले पक्के से कचहरी कितना
दूर हो गया दो घंटे हो गए अभी तक पहुंचे नहीं बोला कंपनीबाग आ गया हूं, कुछ देर में
आ रहा हूं।
क्रमश:
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