दो
जनवरी 2007 को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद बालगोत्रा जी को राम-राम
कहने के साथ खाना निकालने का कलछुल देने का वादा के साथ कश्मीर से खदेड़े गए पंगोत्रा
जी संग चाय की चुस्की संग उनके जैसे हजारों पंडितों की पीड़ा का जेहन में घूट पीने
के साथ आंटो की तलाश में निकल पड़ा। बस व ऑटो से सफर करते हुए पुरानी दिल्ली से नोएडा
फिर अमर उजाला के दफ्तर तक पहुंचने में दो घंटे लग गए। दोपहर का समय पहुंचा गेट पर
तैनात गार्ड से पूछा शशिशेखर जी आ गए हैं क्या? इस सवाल को सुनकर वह ऊपर से नीचे तक
देखने के बाद पूछा आपका परिचय। अमर उजाला जम्मू-कश्मीर से आने के साथ अपना नाम बताते
के साथ कार्ड दिखाया तो सिक्योरिटी गार्ड थोड़ा सहज हुआ। रजिस्टर पर नाम-पता फोन नंबर
के साथ किससे मिलना है, मिलने का प्रयोजन एक रजिस्टर पर नोट करने के बाद अमरउजाला नोएडा
दफ्तर के ऊपरी मंजिल पर बैठने वाले शशि शेखर के चैंबर के सामने कुछ देर बाद था। शशिशेखर
के निजी सचिव जेपी गौड़ को परिचय दिया तो लंच ऑवर के बाद मिलने के लिए कहा गया। लंच
के बाद शशिशेखर जी ने मिलने के लिए अंदर बुलाया। प्रणाम किया तो जवाब में आओ दिनेश
कहकर बैठने को कहा। सामने बैठने के बाद कहा तुम जम्मू-कश्मीर में काम अच्छा कर रहे
हो, वहां के संपादक प्रमोद भारद्वाज भी तुमसे खुश है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के
चलते जो बंदिश और बाध्यताएं हं उनके बीच काम करना एक चुनौती है। इस चुनौती के बीच तुम
जिस तरह से काम कर रहे हो उसको लेकर मुझे तुम्हारे व तुम्हारे परिवार की चिंता है।
जम्मू-कश्मीर में तुम जिस तरह काम कर रहे हो उसे देखकर मुझे लग रहा है वहां तुम रहोगे
तो खुद मरोगे ( कहते-कहते रूक गए ) ही साथ ही अखबार को भी संकट होगा। तारीफ के बाद
समूह संपादक का यह भाव पसंद नहीं आया लेकिन खामोश होकर सुनता ही रहा। बोले हम तुम्हारे
व तुम्हारे परिवार के हित में एक नया टॉस्क दे रहे हैं। जिस तरह दैनिक जागरण का आईनेक्सट
अखबार निकलता है उसी तरह का अमर उजाला का एक बच्चा अखबार काम्पैक्ट लांचिग की योजना
है। इसका पहला संस्करण एनसीआर से निकलेगा। अमर उजाला गाजियाबाद आफिस तुम्हारा सेंटर
होगा। इसके लांचिंग की जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। अमर उजाला गाजियाबाद संस्करण के संपादक
राजेंद्र त्रिपाठी को तुम रिपोर्ट करोगे। अब तुमको जम्मू-कश्मीर जाने की जरूरत नहीं
हैं। एक सप्ताह के लिए घर जाओ। वहां से लौटकर आओ अपने रहने के लिए कमरा खोज लो। पंद्रह
दिन बाद गाजियाबाद आफिस में रिपोर्ट करना। अब तुम जाओ, लाचिंग से पहले मैं आऊंगा मीटिंग
लेने,किस तरह काम करना है, यह सब बातें तुमको छुटटी से लौटकर आने के बाद मीटिंग में
चर्चा करूंगा। दस मिनट की मुलाकात में अप्रत्याशित आदेश सामने था। बिग बॉस को प्रणाम
करके उनके चैंबर से निकल दिया। अमर उजाला दफ्तर से बाहर निकलते ही सबसे पहले जम्मू
के संपादक प्रमोद भारद्वाज को फोन करके बिग बॉस से मुलाकात का संदेश बताया। प्रमोद
जी बोले दिनेश बाबा विश्वनाथ के साथ माता रानी का आर्शीवाद है तुम पर,सब अच्छा ही होगा।
तुम्हारे जाने से मेरी टीम का एक बेहतरीन साथी की कमी खलेगी। प्रमोद सर के बातों को
सुनकर दिल भर आया। बोला सर मुझे आपके साथ पूरी अमर उजाला जम्मू-कश्मीर टीम की कमी खलेगी।
प्रमोद जी का फोन रखने के बाद मोबाइल में रोमिंग
चार्ज कटने के बाद बची धनराशि पर नजर डाली तो सत्तर रुपए बचे थे। अमर उजाला बनारस में
काम करने के दौरान मां को खो चुका था,पापा ही मां-बाप दोनों रुप में पूरे परिवार के
लिए बस्ती में थे। जम्मू के संपादक के बाद पापा को बस्ती फोन लगाया। पापा को बताया
जम्मू से अब नोएडा ट्रांसफर हो गया है,पापा भगवान को धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर किए
बोले जब से तुम जम्मू-कश्मीर गए हो एक भी दिन चैन से सो नहीं सका हूं। रातभर वहां होने
वाली आतंकी घटनाओं के बारे में सोचने के साथ
तमाम तरह के ख्याल आते रहते हैं। पापा के आवाज में जो खुशी मिली मेरे कानों में पड़ने
के बाद ऐसी महसूस हो रही थी,जैसे पापा ने पैर छूने के बाद आर्शीवाद के गले लगा लिया
हो। पापा को फोन करने के बाद बनारस पत्नी को फोन मिलाया। छोटी बेटी क्षमा ने फोन उठाया
हैलो कहने के बाद उसकी शिकायत मैं अपनी सहेलियों को ग्रीटिंग्स कार्ड नहीं दे पायी
हूं, कब आएंगे अब। मैं बोला जल्द आ रहा हूं, अपनी मम्मी से बात करा दो। बेटी ने मम्मी
को फोन दिया तो उनको नोएडा तबादले की खबर सुनाने के बाद दिल्ली से बस्ती होकर बनारस
आने की खबर दी। बनारस आने की खबर सुनकर दोनों बेटियां की खुशी भी बैकग्राउंड साउंड
के रूप में सुनाई देने लगी थी। फोन करने के बाद अमर उजाला के नोएडा दफ्तर से कंधे पर बैग लटकाकर
निकल पड़ा नए मंजिल,नई चुनौतियों से पहले अपनों के मिलन से रिचार्ज होने के लिए बस्ती
के लिए ट्रेन पकड़ने
क्रमश:
लाजबाब... क्या लिखते हैं!!! आपके लेखन का मुरीद हूं.
जवाब देंहटाएंआपका तहेदिल से शुक्रिया
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