जब लादेन मेरे सामने चाय रखकर टुकुर-टुकुर देखने लगा
मई 17, 2011
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साहिबान, मेहरबान, कदरदान... ठहरिए जरा। एक किस्सा सुनते–पढ़ते जाइए और कोशिश कीजिए इसके पीछे के मंतव्य–संदेश …
hazaron meel ki yatra ki shuruaat ek kadam se hi hoti hai .ye bhi jaan lena aavashyak hai ki aap yaatri banana chahate hain ya salani , pahala sabak jo ham seekhte hain wo hai ki cheezen kitni asthai aur prantiy hoti hain .
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
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